Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
संध्या सिंह की कविताएँ

बड़ा दुर्गम और सँकरा है
स्त्री के मुस्कुराते होंठ
और पनीली आँखों के
बीच का रास्ता

पंकज चतुर्वेदी की कविताएँ

मेरा साथ इसलिए मत देना
कि मैं तुम्हारा सजातीय हूँ
या मित्र हूँ
या इस प्रत्याशा में
कि मैं भी तुम्हारा साथ दूँगा
व्यक्ति का साथ मत देना

सत्या शर्मा 'कीर्ति' की कविताएँ

पर बार-बार सज़ा के बाद भी
हम संभलते नहीं
क्योंकि मनुष्य को
भगवान बन जाने का अहंकार
उसे मनुष्य भी कहाँ रहने देता है

हरेराम 'समीप' की कविताएँ

वे/ प्रेम से करते हैं घृणा/
और घृणा से करते हैं प्रेम

वे उगाना चाहते हैं/ अतीत
वर्तमान के खेतों में
और फ़सल काटना चाहते हैं/ भविष्य की