Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
हरिंदर राणावत की कविताएँ

तुम्हारे प्यार ने मुझे बहुत-सी चीज़ों के मतलब समझाए हैं

अर्चना उपाध्याय की कविताएँ

सहेज लेना चाहती हूँ
सभी यादों के पहाड़

शायद उन्हें छूकर लौट सकें
ज़िंदगी की सारी प्रतिध्वनियाँ

डॉ० ज्योत्सना मिश्रा की कविताएँ

उस अंतिम वर्षा के
उस भीगे पल में
एक बूँद थी मैं !
तुम्हारी हथेलियों की गुनगुनी
ताल में गीत सी बहकती
अब पतझड़ की पीत गंध हूँ
बिखरी दूर तक
दिशायें मुग्ध हैं मेरे
वैराग्य पर!

चंद्रेश्वर की कविताएँ

क्या अब लोग जानेंगे
नदियों के नाम
रेलगाड़ियों के नामों से
क्या सचमुच की नदियाँ
बदल जायेंगी
रेतीले मैदानों में