Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
कानपुर का नवजागरण भाग छह- प० लक्ष्मीकांत त्रिपाठी

सन् 1913 मे बाबू नारायण प्रसाद अरोड़ा, प० शिवनारायण मिश्र वैद्य तथा प० यशोदानन्दन शुक्ल ने मिलकर साप्ताहिक प्रताप का प्रकाशन प्रारम्भ किया। श्री गणेशशंकर विद्यार्थी उन दिनो मालवीय जी द्वारा संचालित साप्ताहिक अभ्युदय के सम्पादक थे। वे सहर्ष 'प्रताप' के सम्पादक होकर कानपुर आ गए।

कानपुर का नवजागरण भाग पाँच- प० लक्ष्मीकांत त्रिपाठी

प० पृथ्वीनाथ चक के बाद बागडोर हिन्दी के महाकवि नगर के शीर्षस्थ वकील ओजस्वी वक्ता श्री राय देवीप्रसाद "पूर्ण" के सुदृढ़ हाथो मे आई, उन्होंने कानपुर का चतुर्दिक विकास किया। 'पूर्ण' जी ने कानपुर को जगाया।  

कानपुर का नवजागरण (भाग चार)- पण्डित लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी  

16 अगस्त 1905 का दिन कानपुर ने बंगाल के एकीकरण के लिए विशेष रक्षाबंधन के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया। इस प्रकार जन आन्दोलन की पहली किरण कानपुर की भूमि में फूटी। 

कानपुर का नवजागरण (भाग तीन)- पण्डित लक्ष्मीकांत त्रिपाठी

सन् 1900 का कानपुर अकाल से ग्रसित था। बेकारी, भूख और विदेशी शासन से लोग कराह उठे थे। इसी समय प्लेग की महामारी ने कानपुर पर अपना काला घेरा डाला। विप्लव के सभी उपादान उपस्थित थे, फलत: 11 अप्रैल 1900 को कानपुर में ऐतिहासिक प्लेग रायट आरम्भ हो गया।