Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
परंपरागत लबो-लहजे में जीवन की हकीकत की शायरी: पागल-पागल कहते लोग- के० पी० अनमोल

पागल-पागल कहते लोग आसान भाषा और सरल कहन की अच्छी शायरी का पठनीय संग्रह है। आधारशिला प्रकाशन की अनुभवी टीम ने इसे साफ़-सुथरे और सुंदर ढंग से प्रकाशित किया है।

सामाजिक संवेदनाओं से पूरित बेहतरीन लघुकथाएँ-डॉ० सत्यनारायण सत्य

समीक्ष्य पुस्तक- लघुकथा कौमुदी
रचनाकार- शकुंतला अग्रवाल 'शकुन'
प्रकाशक- साहित्यागार, धामाणी मार्केट की गली, चौड़ा रास्ता, जयपुर
संस्करण- प्रथम, 2022
पृष्ठ संख्या-112
मूल्य- 200 रुपए

मौन जब मुखरित हुआ : एक श्रेष्ठ गीत संग्रह- अशोक कुमार पाण्डेय 'अशोक'

मौन जब मुखरित हुआ में देश-प्रेम, मानवीय गुण, राष्ट्रीय एकता, प्रकृति-चित्रण, भक्ति-भावना, श्रृंगार, देश के सन्तों, महात्माओं, महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता, नैतिक मूल्यों की स्थापना आदि को मुख्य रूप से रेखांकित किया गया है। साथ ही समाज में व्याप्त विसंगतियों, विद्रूपताओं एवं कुरीतियों का प्रबल विरोध भी किया गया है।

बेबाक, बेलौस, बेजोड़, बेख़ौफ़, बेपरवाह हैं : बदमाश औरतें- संदीप मिश्र 'सरस'

समीक्ष्य पुस्तक- बदमाश औरतें
विधा- नज़्म
रचनाकार- हरकीरत हीर
प्रकाशन- अयन प्रकाशन