Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
अल्का शरर के माहिए

तू ही मंज़िल तू रस्ता,
नज़रों से दूर रहे
ये हो ही नहीं सकता।

नीलिमा पाण्डेय के माहिए

 
लाखों हों इस जग में,
माई बाबू ही,
बसते हैं,रग-रग में। 

मनवीन कौर पाहवा के माहिए

कुछ ऐसा कर जाएँ
रिमझिम बूँदें बन
सब के हिय को भाएँ

डॉ० सुरिन्दर कौर नीलम के माहिए

आया है संदेशा 
दुश्मन रोक रहा,
हमले का अंदेशा।