Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
सरिता भारत की कविताएँ

करतब करती लड़की
अपनी मिट्टी के गढ़े गए वजूद को लिए
पीठ पर गठरिया बाँधे
इस पार से उस पार
आज भी झूल रही
रस्सी पर

अनुभूति गुप्ता की कविताएँ

आख़िरी पर्ची पर लिखा था
'फ़ैसला'
मैंने स्त्री लिख दिया

अनिता रश्मि की कविताएँ

पृथ्वी के दिए गए अवदानों को कैसे
हमने लूट-खसोट की वजह बना ली
हमने जी भर लूटा
अब कैसे बदला लिया प्रकृति ने हमसे
लेती हुई करवटें, कँपकँपाती हुई हमें
दोष कितना धरा का, कितना हमारा