Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
दामोदर माओजो की कोंकणी कहानी 'किसकी लाश' का प्रियंका गुप्ता द्वारा हिन्दी अनुवाद

“वह किसकी लाश है?” पीछे से आ रहे आदमी ने तेज़ी से अपनी साइकिल को पैडल मारते हुए ज़ोर-ज़ोर से पूछा। खाली पेट, सूखा गला, सिर पर चिलचिलाती धूप, नीचे जलती हुई तारकोल की सड़क पर इन सबसे झुलसते हुए  भीवा के लगातार आगे बढ़तेक़दम धीमे हो गए। भीवा की बेजान आँखों में अपनी आँखें डालकर साइकिल चालक ने अपना हाथ अपने मास्क पर रखा और उसे नीचे खींचते हुए, उसने फिर से पूछा, "किसकी लाश है ये?"

रामेश्वर सिंह कश्यप की भोजपुरी कहानी 'मछरी' का अवधेश प्रसाद सिंह द्वारा अनुवाद

एक तरफ झींगुर की मनहूस आवाज़ वातावरण को बोझिल कर रही थी तो दूसरी तरफ नीम के फूलों की गंध से मत्त हवा जैसे गिरती-पड़ती चल रही थी। कुंती का बहुत मन था कि दिन भर के चूल्हे-चौके से तपती देह को तालाब के पानी की शीतलता से सराबोर कर ले।

लैटिन अमेरिकी कहानी का सुशांत सुप्रिय द्वारा अनुवाद

फ़र्नांडो सोरेन्टीनों की लैटिन अमेरिकी कहानी का अनुवाद