Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
वसंत जमशेदपुरी के गीत

रूठे हुए सजन निर्मोही
की मनुहार करें।

रिमझिम-रिमझिम बूँदें आईं
आओ प्यार करें।।

निशा राय के गीत

कठिन निर्णय कई हृद के द्वार की साँकल बजाते
किंतु ममता से बँधे ये पाँव दुविधा में फँसे थे।
मैं तुम्हारे साथ चलने के लिए तत्पर खड़ी थी
किंतु गौतम तुम दबे पाँवों से आगे बढ़ चले थे।

वीणा चंदन के गीत

आए दिन उत्सव के
गीत के गुंजार के

कुछ सपने स्नेेहिल
छाँह छाँह पलते हैं
कुछ मरुथल रातों में
बूँद बूँद गलते हैं

झरते अंजुरियों में
फूल हरसिंगार के

सीमा अग्रवाल के गीत

यहाँ कोई किसे
समझा सकेगा
सभी हैं शून्य
सब ही सैकड़े हैं।