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इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
बेबाक, बेलौस, बेजोड़, बेख़ौफ़, बेपरवाह हैं : बदमाश औरतें- संदीप मिश्र 'सरस'

समीक्ष्य पुस्तक- बदमाश औरतें
विधा- नज़्म
रचनाकार- हरकीरत हीर
प्रकाशन- अयन प्रकाशन

कोलाहल से परे : एक अनूठी पुस्तक- मीना दत्ता

समीक्ष्य पुस्तक- कोलाहल के परे
रचनाकार- डॉ० कामायनी शर्मा
विधा- लघुकथा
प्रकाशक- इरा पब्लिशर्स, कानपुर
संस्करण- प्रथम, 2024
पृष्ठ संख्या- 115
मूल्य- 230 रुपए

नफ़रतों को प्यार से मिटाने की मुकम्मल कोशिश : हमन है इश्क़ मस्ताना- अविनाश भारती

डॉ० भावना ने इस प्रेम-ग्रंथ में कुल 109 ग़ज़लकारों को शामिल किया है, जिनमें आदि से वर्तमान के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर मौजूद हैं। सबकी दो-दो प्रतिनिधि ग़ज़लों को यथोचित स्थान मिला है।

प्रेम की सच्चाई और गहरापन सहजता से समझाता संग्रह- दिवाकर पाण्डेय 'चित्रगुप्त'

चाँद अब हरा हो गया है एक प्रेम कविता संग्रह है, जिसके संयुक्त रचनाकार के० पी० अनमोल एवं अनामिका कनोजिया 'प्रतीक्षा' हैं। इस संग्रह में प्रेम का शायद ही कोई व्यक्तिगत तथ्य या स्थिति हो, जिसे हमने कभी नहीं महसूस किया हो। इन कविताओं की सार्थकता इसी में है कि पढ़ते समय इनसे एक जुड़ाव-सा महसूस होता है।