Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
जानकी विष्ट वाही की लघुकथाएँ

जल्दी-जल्दी सरसतिया से दूर जाने की हड़बड़ी में सुहासिनी का पाँव जो मुड़ा तो दर्द से दोहरी हो वहीं गिर गई।

नीलिमा शर्मा 'निविया' की लघुकथाएँ

अपने बापू को भेज, मेरी माँ पे चादर डाल दे। उन दोनों का ‎बुढ़ापा‬ भी कटेगा और थारे घर गर्म रोटी भी पकेगी। और मैं भी आ जाऊँगी, थारे घर, थारी
बहन बनके।

पूजा अग्निहोत्री की लघुकथाएँ

 
नवल और नीता का प्रेम विवाह था। लेकिन जबसे उनके जीवन में नन्ही परी ने दस्तक दी उनके परिवार में तो खुशियाँ बढ़ी लेकिन उन दोनो में दूरियाँ बढ़ती जा रही थी।
कारण भी समझ में नही आ रहा था।

डॉ० नीरज शर्मा 'सुधांशु' की लघुकथाएँ

गलियारे में कई मोड़ों से गुज़रते हुए आखिर वह कोठरिया आ ही गई जहाँ एक बूढ़ी महिला, बीच से ढीले, नीचे लटके बान के झिंगोले में धँसी खाँस रही थी।
डॉक्टर सुमित को देखते ही उसकी ललाई आँखों में उम्मीद की किरण जगमगाई। लगातार खाँसने से ज़बान अटक गई थी। मूक याचना करते कँपकँपाते उसके हाथ जुड़ गए थे।