Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
अवध बिहारी श्रीवास्तव के गीत

कस्तूरी मुझे रिझाती थी 
दिन रात भागना फिरना था.. 
ऐसी थी पागल प्यास मुझे 
खारे सागर में गिरना था 

देवेन्द्र शर्मा 'इन्द्र' के गीत

 
जो कुछ हूँ , जैसा हूँ ,प्रस्तुत हूँ 
मौलिक हूँ , अनुकरण नहीं हूँ