Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
फ़ानी जोधपुरी की ग़ज़लें

फ़ानी जोधपुरी उर्दू की युवा ग़ज़ल का प्रतिनिधि नाम हैं। इनकी ग़ज़ल जहाँ एक तरह तमाम परंपरागत पैमानों को निभाते हुए चलती हैं, वहीं दूसरी तरफ आधुनिकता को भी अपनी ज़द में समेटती हुई एक नया रास्ता तैयार करती हैं। इनकी ग़ज़लें सही मायनों में उर्दू ग़ज़ल की जगमगाती हुई रोशन राहों में नई तरह के उजाले भरती हैं।

अश्विनी कुमार त्रिपाठी की ग़ज़लें

अश्विनी कुमार त्रिपाठी हिंदी की ग़ज़ल का एक प्रतिभाशाली युवा नाम हैं। इनकी ग़ज़लों में ग़ज़ल की परंपरागत नफ़ासत के साथ अपने समय का सच बाख़ूबी दर्ज होता है। मज़बूत शिल्प, प्रभावी कहन और सरोकारसंपन्नता इनकी ग़ज़लों की विशेषताएँ हैं।

विकास वाहिद की ग़ज़लें

ये  मुश्किलें  भला  क्या  ही  बिगाड़तीं  मेरा
कि मुश्किलों से तो फ़ौलाद हो के निकला मैं

मक़सूद अनवर मक़सूद की ग़ज़लें

ग़म न दो इतना कि मेरी जाँ निकल जाए कहीं 
आँसुओं से जिस्म की मिट्टी न गल  जाए  कहीं