Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
डॉ० शील कौशिक की क्षणिकाएँ

अचानक पेड़ की डाल पर
आ बैठी एक चिड़िया के 
उड़ जाने पर
देर तक झूलती रही
मैं भी डाल-सी, 
उस दिन 
जब छुआ था तुमने
अचानक मुझे!

डॉ० मीनू खरे की क्षणिकाएँ

घरेलू महिला
कुछ उल्टे, कुछ सीधे फंदों के बीच
फँसी एक सलाई
जिसके बिना स्वेटर की उत्पत्ति संभव नहीं
पर फिर भी जिसका अधिकार नहीं
स्वेटर के रंग, आकार और डिज़ाइन पर

ज्योत्स्ना शर्मा 'प्रदीप' की क्षणिकाएँ

हाँ! मुझे रश्क
होता है,
जब तुम्हारी आँखों में
किसी के
नाम का एक
अनबहा
अश्क होता है।

नमिता सिंह 'आराधना' की क्षणिकाएँ

 
दोनों एक दूसरे की बाहों में थे 
स्त्री प्रेम में डूबी हुई 
और पुरुष देह की गंध में।