Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
कंचन अपराजिता के हाइकु

 
ओठों की हँसी 
ढक रहे तन के 
नीले निशान।

डॉ. कल्पना दुबे के हाइकु

मरघट-सी
पसर जाती शान्ति
औरत बिना।

 

इन्दिरा किसलय के हाइकु

रंगों के छंद
फूलों से अनुबंध
रचती पृथ्वी।

डॉ० सुरंगमा यादव के हाइकु

प्रकृति कहे
मुझसे बड़ा कौन
उत्तर मौन।