Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
सवैया छन्द के भेद- मनोज शुक्ल 'मनुज'

इससे पूर्व के अंक में आपने सवैया के मत्त गयंद, मोद, अरसात,किरीट,चकोर व मदिरा सवैया के विधान के बारे में पढ़ा। इस अंक में सुमुखि, मुक्ताहरा, मंजरी, लवंगलता, सनेही व दुर्मिल सवैया का विधान दिया जा रहा है।

सवैया छन्द एवं उनके भेद- मनोज शुक्ल "मनुज"

यह एक वर्णिक छंद है। सवैया गणों पर आधारित होता है। इसमें चार चरण होते हैं। इसमें वर्णिक वृत्तों में 22 से 26 अक्षर के चरण होते हैं। सवैया छंद में चारों चरणों में सम तुकांतता होती है।

घनाक्षरी के भेद-मनोज शुक्ल 'मनुज'

इससे पूर्व अंकों में आप घनाक्षरी के आठ भेदों (मनहरण घनाक्षरी,रूप घनाक्षरी, जनहरण घनाक्षरी, डमरू घनाक्षरी, जलहरण घनाक्षरी, विजया घनाक्षरी,कृपाण घनाक्षरी व हरिहरण घनाक्षरी)के बारे में पढ़ चुके हैं। इस अंक में पढिए शेष चार भेद। 

छन्द के प्रकार- मनोज शुक्ल 'मनुज'

इस कड़ी में पढिए मनोज शुक्ल "मनुज" द्वारा बताए गए घनाक्षरी छन्द के शेष प्रकार।