Ira Web Patrika
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धर्मपाल महेंद्र जैन का व्यंग्य लेख 'गणतंत्र के तोते'

मालिक थे तो आदमी, पर वे आदमीयत गिरवी रख आए थे और उन्होंने जनहित में बलशाली जानवरों के गुण अपना लिये थे। फिर भी वे जुगनू पकड़ रहे थे।जुगनू जनता जैसे मरियल थे पर चमकदार थे।