Ira Web Patrika
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एग्ज़ाम का रिज़ल्ट और एक क़िस्सा- सीमा मधुरिमा

मेरा हाई स्कूल का रिज़ल्ट आया था। हम लोग हर बार की तरह इस बार भी गर्मी की छुट्टियों में मामा के घर छुट्टियाँ बिताने गये हुए थे। उसी बीच रिज़ल्ट आया। उस समय रिज़ल्ट पेपर में छपा करता था। मेरे बड़े भैया को रोल नंबर देकर गये थे कि जब रिज़ल्ट आएगा देख लीजिएगा। रिज़ल्ट के बाद ही बड़े भैया हमें मामा के यहाँ लेने आ गये और उन्होंने दुख भरी ख़बर सुनाई की सीमा फेल हो गयी है।

डॉ० संध्या तिवारी का संस्मरण 'अप्रिया नीलकंठी'

जेठ की तपती धूप-सा पापा का गुस्सा माँ अपने मन के हरे-भरे गुलमोहर पर दहकते फूलों-सा सजा लेती। उस वृक्ष के नीचे पूरा परिवार और हम बच्चे छाया का भले ही अनुभव करते रहे हों लेकिन दंदक तो छू ही जाती थी, तो फिर माँ कैसे सहती होगी उस प्रचंड क्रोधाग्नि को?