Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
नीता अवस्थी की बाल रचनाएँ

होली का त्योहार आ गया,
मगर नहीं वह आए।
घर-परिवार छोड़ कर अपना,
ड्यूटी सदा निभाए।।

कैलाश बाजपेयी के बालगीत

एक  पहेली   सी  लगती  है
धरती जब करतब करती  है
हम बच्चे कुछ समझ न पाते
दादा  जी  हमको  समझाते।

डॉ० नागेश पाण्डेय 'संजय' के बालगीत

ख़ूब लगन से पढ़ोगे तब ही-
अच्छे नम्बर पाओगे, 
अच्छे नम्बर पाकर ही तो
अच्छे छात्र कहाओगे । 
अपनी क़िस्मत को भइया ।
ख़ुद गढ़ने के दिन हैं।