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नीता अवस्थी की बाल रचनाएँ

नीता अवस्थी की  बाल रचनाएँ

होली का त्योहार आ गया,
मगर नहीं वह आए।
घर-परिवार छोड़ कर अपना,
ड्यूटी सदा निभाए।।

बाल कुण्डलिया 
 
माता वीणावादिनी, विनती बारंबार।
नन्हें बालक हम सभी, आए तेरे द्वार।।
 
आए तेरे द्वार, लिए हम गणित–पढ़ाई।
समझ न पाते सूत्र, भले सिर करें धुनाई।।
 
मास्टर जी का रूल, रोज हमको समझाता।
मिले ज्ञान की राह, सहायक हों यदि माता।।


बाल गीत 
चिरैया 
 
बदली-बदली चाल चिरैया।
बोलो अपने हाल चिरैया।।
 
अम्मा जी ने दाने डाले,
चुगकर बैठी डाल चिरैया।।
 
बून्द बून्द पानी को तरसे,
सूख गए थे ताल चिरैया।।
 
कदम कदम पर खड़े शिकारी,
डाल रहें हैं जाल चिरैया।।
 
चतुर हो गयी देख जमाना,
नहीं गलेगी दाल चिरैया।।



कोयल रानी 

बहुत चतुर है कोयल रानी।
काली है पर बड़ी सयानी ।।
 
बच्चे छोटे होते हैं जब।
कौए के घर रख आती तब।।
 
कागा कुछ भी समझ न पाये।
बड़े  प्यार  से वह दुलराये।।
 
जब  बच्चे  उड़ने लगते  हैं।
कुहू-कुहू  गाने  लगते  हैं।।
 
ले आती है अपने आँगन।
ढूंढे कौआ उनको वन-वन।।
 
कोयल कितना मीठा गाती।
शीतलता दिल को पहुँचाती ।।
 
हम सब भी मीठा ही बोलें।
कभी क्रोध में अधर न खोलें।।
 
देती है सन्देश ज़ुबानी।
बहुत चतुर है कोयल रानी।।



गुड़िया बोली 
 
गुड़िया बोली आओ दादी,
बाहर चले टहलने।
दादी बोली बहुत ठंड है,
कांप रहे हैं घुटने।।
 
गुड़िया बोली अभी आपको,
पाजामी पहनाते।
और अँगीठी में मम्मी से,
हम अलाव जलवाते।।
 
टोपा, मोजा, स्वेटर पहनो,
बैठो ओढ़ रजाई।
तब तक मम्मी जी चौके से,
चाय गरम ले आई।।
 
बंद किया दरवाजा उनने 
लगे पढ़ाई करने।
दादी बोली बहुत ठंड है,
कांप रहे हैं घुटने।।



अतुकांत

पतंग 
 
सोनू,मोनू
उड़ा रहे थे पतंग
दूर बहुत दूर
आसमान तक।
 
सोनू की पतंग 
कटकर गिरी
बेचारा
हो गया निराश।।
 
पतंग ने कहा-
दुखी मत हो
कभी नहीं लड़ना
बिना वजह।
 
देखा मेरा हाल
आपस में लड़ने का
गगन से गिरी  हूँ
जमीन पर बेबस ।।


   
भारत के प्रहरी 
 
भारत की सीमा के प्रहरी,
रक्षण करते मेरा।
रात-रातभर जाग-जागकर,
लाते सुखद सवेरा।।
 
होली का त्योहार आ गया,
मगर नहीं वह आए।
घर-परिवार छोड़ कर अपना,
ड्यूटी सदा निभाए।।
 
चलो चलें हम सारे मिलकर,
सँग त्योहार मनाएँ।
वैर-भाव की त्याग भावना,
रिपु को गले लगाएँ।।
 
पर्व यही सिखलाता हमको,
मत कर तेरा-मेरा।
भारत की सीमा के प्रहरी,
रक्षण करते मेरा।।


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रचनाकार परिचय

नीता अवस्थी

ईमेल :

निवास : कानपुर (उत्तर प्रदेश)

जन्मतिथि- 15 दिसंबर
जन्मस्थान- उन्नाव
लेखन विधा- दोहा ,कुण्डलिया, गीत, नवगीत, तेवरी, बाल काव्य, राज छंद अनेक  विधाओं में लेखन..
शिक्षा- परास्नातक हिन्दी , समाज शास्त्र
सम्मान- विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित 
प्रकाशन- कई एकल काव्य संग्रह एवं बाल साहित्य प्रकाशित 
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में एवं साझा संकलनों में प्रकाशित 
मोबाइल- 9169222741