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इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।

डाॅ० सुरंगमा यादव के हाइकु

डाॅ० सुरंगमा यादव के हाइकु

प्रकृति मंच
प्रेम कथा वाचक
बना वसंत।

1.
निखर उठी
वसंत पार्लर में
प्रकृति सखी।


2.
रीता दीपक
बाती की निचुड़न
वृद्ध जीवन।

 

3.
प्रकृति मंच
प्रेम कथा वाचक
बना वसंत।


4.
ख़ुद न जाने
किस सुख के पीछे
मन ये भागे।


5.
मधुप मुग्ध
फूलों पर शोभित
ज्यों काला टीका।

 

6.
निकले पर
मुड़कर न देखा
फिर इधर।


7.
युवा विकृति
बुजुर्गों की उपेक्षा
नव संस्कृति।


8.
पेंशन मिली
सहेजने आ गयी
बेटे की जेब।


9.
आस्तीनी साँप
फुफकारते नहीं
चूकते नहीं।


10.
नदी का तट
धधकती लपटें
आँसू के रेले।

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रचनाकार परिचय

सुरंगमा यादव

ईमेल :

निवास : लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

नाम- डॉ0 सुरंगमा यादव
जन्मतिथि-
जन्म स्थान- बदायूँ (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा-
सम्प्रति- असिस्टेंट प्रोफेसर- हिंदी विभाग
प्रकाशित पुस्तकें-
* वंशीधर शुक्ल का काव्य
* यादों के पंछी (हाइकु-संग्रह)
* विचार प्रवाह (लेख)
* भाव प्रकोष्ठ (हाइकु-संग्रह)
* संपादित पुस्तकें- 08
* प्रकाशित शोधपत्र- 35 से अधिक
आयोजन/प्रतिभाग- अनेक सेमिनारों एवं वेबिनारों का आयोजन एवं प्रतिभाग।
सम्मान एवं पुरस्कार- राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उ0प्र0 का वर्ष 2021-22 का ‘रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (100000/- की धनराशि सहित) पुरस्कार तथा 5 सितम्बर 2021 को लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त सम्मान पत्र सहित अन्य अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित।
संपर्क- महामाया राजकीय महाविद्यालय, महोना, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मोबाइल- 800284735