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लक्ष्मी शंकर बाजपेयी

लक्ष्मी शंकर बाजपेयी

दुनिया ही बदल जाए
यदि हर कोई ही 
इंसान में ढल जाए

हाँ, धूप में जलना है
छाँव मिले न मिले
मीलो तक चलना है

 
दुनिया ही बदल जाए
यदि हर कोई ही 
इंसान में ढल जाए

 
चरागार जब आए
राहत की छोड़ो
बस दर्द बढ़ा जाए 


गिरगिट भी दहलता है
पल भर में मानव
क्या रंग बदलता है


रब ने दे दी रातें
राहत नींदों की
सपनों की सौगातें


जीवन से वही रूठे
वक़्त से पहले ही
जिनके सपने टूटे


जब पानी बरसाना
बादलो! है विनती
तुम बाढ़ नहीं लाना
 

हर बादल यूँ बरसे
धरती पर कोई
पानी को नहीं तरसे


जीवन वो कहानी है
जितना जान सके
उतनी अनजानी है
 
 
है कैसी डगर जीवन
ठोकर ही ठोकर
उलझन ही उलझन


सागर से नदी बोली
तुझमें समा जाऊँ
इतनी भी नहीं भोली
 
 

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रचनाकार परिचय

लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

ईमेल : poetlsbajpai@gmail.com

निवास : नई दिल्ली

जन्मतिथि- 10 जनवरी, 1955
जन्मस्थान- सुजगवां (उत्तरप्रदेश)
शिक्षा- एम०एस०सी० (भौतिक विज्ञान)
सम्प्रति- संपादक, साहित्य अमृत
प्रकाशन- बेज़ुबान दर्द, ख़ुशबू तो बचा ली जाए, मच्छर मामा समझ गया हूँ 
(बाल कविता संग्रह)
सम्मान- लंदन में अंतरराष्ट्रीय वातायन कविता सम्मान, संसद के सेंट्रल हॉल में हिंदी गौरव सम्मान, शइटावा हिंदी निधि का शिखर सम्मान, उद्भव शिखर सम्मान सहित दर्जनों सम्मान
प्रसारण- दुनिया के अनेक टी०वी० चैनलों एवं रेडियो चैनलों पर साक्षात्कार
विशेष- वेनेजुएला में विश्व कविता महोत्सव में भारत से एकमात्र कवि
एक दर्जन देशी-विदेशी भाषाओं में कविताओं का अनुवाद

बच्चों के पाठ्यक्रम से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक कविताओं का अध्यापन
सुप्रसिद्ध गायकों द्वारा ग़ज़लों का गायन
सात विश्वविद्यालयों से गेस्ट फैकल्टी एवं परीक्षक के रूप में संबद्ध

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के स्नातक/ स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए एक दर्जन से अधिक पाठ्य पुस्तक इकाइयों का लेखन
देश-विदेश के अनेक सेमिनारों में वक्ता
15 वर्षों से आई०ए०एस०, आई०पी०एस० अफसरों के साक्षात्कार बोर्ड में 
संपर्क- बी- 204, कृष्णा गार्डन, सेक्टर- 19बी, द्वारका, नई दिल्ली- 110075
मोबाइल- 9899844933