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इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।

कंचन पाठक के घनाक्षरी छन्द

कंचन पाठक के घनाक्षरी छन्द

ऐसे तके चितचोर भीग जाए पोर- पोर,
प्रेम में विभोर रूप उनका ललाम है।

नील में उजास घोल मिसरी के जैसे बोल,
क्षण - क्षण हिया हूक उठता अनाम है।

ऐसे तके चितचोर भीग जाए पोर- पोर,
प्रेम में विभोर रूप उनका ललाम है।

नील में उजास घोल मिसरी के जैसे बोल,
क्षण - क्षण हिया हूक उठता अनाम है।

ओस बिंदु से नवल चाँदनी से भी धवल,
उस प्रेम पाहुना स्वरूप को प्रणाम है।

हे! री सखी लीलाधर रूप धरे अनगिन,
तो भी बिन राधा के अधूरा घनश्याम है।


प्रेम कोई शाप नहीं धर्म के खिलाफ़ नहीं ,
मन में मगर पाप आना नहीं चाहिए।

जादूभरी बाँसुरी सी मखमली पाँखुरी सी,
वासना के भाव को सजाना नहीं चाहिए।

मीरा सी सुरीली प्रीत राधा सी हठीली प्रीत,
बार- बार फिर भी जताना नहीं चाहिए।

डमरू के थाप सी है शिव जी के ताप सी है,
प्रेम शुद्ध हो तो ठुकराना नहीं चाहिए।


बदला समय आज ऐसा कि धरा भी रुष्ट,
सारे ही विधान हुए आज छिन्न-भिन्न हैं।

सच को सम्मान नहीं नारियों को मान नहीं,
धर्म त्याग आए सब आदमी विच्छिन्न हैं।

क्रोध लोभ मद मोह में है सब लीन आज,
पुण्य के पथों को छोड़ पाप में अभिन्न हैं।

आओ अब कृष्ण आओ मर्म रण के बताओ,
तम है अभेद्य त्राहिमाम जग खिन्न है।

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रचनाकार परिचय

कंचन पाठक

ईमेल :

निवास : पटना (बिहार)

जन्मतिथि- 11 फ़रवरी
शिक्षा- कानून, प्राणिविज्ञान और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत से स्नातकोत्तर
प्रकाशन- सरिता,कादम्बिनी, अहा ज़िन्दगी, सरस सलिल, कथाक्रम, राजभाषा भारती (गृहमंत्रालय की पत्रिका), समाज कल्याण (महिला एवं बाल विकास मंत्रालय), मधुमती (राजस्थान साहित्य अकादमी), अट्टहास, स्पंदन, रूपायन आदि पत्रिकाओं में कविताएँ, आलेख, व्यंग्य समेत दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान टाइम्स, अमर उजाला, हमारा मेट्रो, डेल्ही टाइम्स, दैनिक भास्कर, जनसंदेश (मध्यप्रदेश) आदि सौ से अधिक पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित .. विभिन्न वेब पत्रिकाओं और ब्लॉग में लेखन
पुस्तक- इक कली थी (एकल), सिर्फ़ तुम, पुष्पगंधा, काव्यशाला, कविता अनवरत (संयुक्त)
संपादन– कस्तूरी कंचन, आगमन आदि
सम्मान- ठाकुर प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान (लखनऊ), आरसी प्रसाद सिंह सम्मान (बिहार), आगमन साहित्य, तेजस्विनी (दिल्ली), मिथिला महोत्सव सम्मान (बिहार), हिजला मेला महोत्सव सम्मान (झारखंड) इत्यादि 
मोबाइल- 8969809870