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बार-बार उग ही आएँगे : ज़िन्दगी के नए नज़रिये का गीत-  डॉ० ज़ियाउर रहमान जाफ़री

बार-बार उग ही आएँगे : ज़िन्दगी के नए नज़रिये का गीत-  डॉ० ज़ियाउर रहमान जाफ़री

हिंदी नवगीत में जो चंद नाम सबसे ज़्यादा लोगों का ध्यान खींच रहे हैं, उनमें एक नाम गरिमा सक्सेना का भी है। बार-बार उग ही आएँगे उनका सद्य प्रकाशित पचास गीतों का संग्रह है। किताब के नाम से ही ज़ाहिर है गरिमा तमाम अवरोधों के बावजूद भी उग आने का साहस रखती हैं। उनकी भाषा गीत के अनुकूल नर्म, सरस, मुलायम और कोमल है।

हिंदी नवगीत में जो चंद नाम सबसे ज़्यादा लोगों का ध्यान खींच रहा है,उनमें एक नाम गरिमा सक्सेना का भी है। बार-बार उग ही आएँगे उनका सधः प्रकाशित पचास गीतों का संग्रह है। किताब के नाम से ही ज़ाहिर है गरिमा तमाम अवरोधों के बावजूद भी उग आने का साहस रखती हैं। उनकी भाषा गीत के अनुकूल नर्म, सरस मुलायम और कोमल है। विषय ऐसे हैं जिससे हम सब का राब्ता पड़ता रहता है, इसलिए उनके गीतों को पढ़ते हुए अपनी ख़ुशी और ग़म दोनों का लगातार एहसास  होता रहता है। संग्रह में उनका पहला गीत है उम्र के सोपान जिसमें एक बच्चे का क्रमिक विकास दिखाया गया है। उसकी तोतलाहट से एबीसी पढ़ते हुए छोटे-छोटे वाक्य बनाना। डगमगाते हुए चलना खिलकर हँसना यह सब इन गीतों में ऐसे पिरोया गया है कि इसकी शब्दावली अकस्मात हमें अपनी ओर खींच लेती है। फिर जैसे-जैसे हम उनके अन्य गीतों की तरह बढ़ते हैं उन गीतों से मुतासिर हुए बिना नहीं रह पाते। उनके गीत बादल होना में निराला के बादल राग की तरह गरजने बरसने वाली शैली नहीं है। यह वह बादल है जो बच्चों के साथ खेलता है, चलता -फिरता है और उसे कागज़ के नाव बनाने का अवसर देता है। यह बादल धरती की प्यास बुझाता है। गरिमा सक्सेना के अधिकांश गीतों में बच्चे हैं, बादल है, नदी है, हौसला है, चिड़िया है और जहाँ -तहाँ राग और विराग के बिंब भी हैं। इसलिए उनके गीतों के साथ श्रृंगार की मोहकता,और वात्सल्य रस की मधुरता भी मिल जाती है। इस संग्रह में बार-बार उठी आएँगे शीर्षक से भी एक गीत है जहाँ गरिमा कहती हैं-

 हम पीपल हैं 
 वन तुलसी हैं 
 बार-बार उग ही आएँगे...

इस पूरे गीत में उगने की वजह भी रही है और वह श्रम शक्ति हैं रचनाकार को विश्वास है कि मेहनत आदमी को उगने से रोक नहीं सकता इसलिए हौसला मत हार गीत में भी वह यह बात रिपीट करती हैं-

 आज जो बट वृक्ष है 
 कल भी था वह 
 जो सतत संघर्ष करता
 जीत जाता है

पेशे से बड़े शहर में इंजीनियर गरिमा सक्सेना ने कवयित्री बनने की वजह भी अपने गीतों में बयाँ किया है-

 सम्मानों हित क़लम न थामी 
 सच की ख़ातिर नित्य लड़ी हूँ  

कहना ना होगा कि गीत एक ऐसी विधा है जो उल्लास और वेदना दोनों स्तरों पर निकल कर सामने आता है। गरिमा के भी गीत ऐसे हैं जो दिल से फूटकर बाहर निकलते हैं इसमें विषयगत ख़ुबसूरती भी है, सहजता, तरलता, सुबोधता अकृत्रिमता और लोकोन्मुख्ता भी अपनी जगह मौजूद है। इनमें वह तिलिस्म है जो पाठकों को एक बार बाँध लेता है तो फिर उसे छोड़ नहीं पाता।

 
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 पुस्तक- बार-बार उग ही आएँगे 
 गीतकार- गरिमा सक्सेना
 प्रकाशन वर्ष- 2025,
मूल्य- 299
पृष्ठ- 120
प्रकाशक- श्वेतवर्णा प्रकाशन नोएडा

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Divakar Pandey

18 May 2025

किताब जल्दी ही पढ़ी जाएगी

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रचनाकार परिचय

ज़ियाउर रहमान जाफ़री

ईमेल :

निवास : नवादा (बिहार )

नाम- डॉ.ज़ियाउर रहमान जाफरी
जन्मतिथि-10 जनवरी 1978
जन्मस्थान- भवानन्दपुर,बेगूसराय, बिहार
शिक्षा- एम.ए. (हिन्दी, अंग्रेजी, शिक्षा शास्त्र)बीएड,पत्रकारिता, पीएचडी हिन्दी, यू जी सी नेट (हिन्दी )
संप्रति- सरकारी सेवा

प्रकाशित कृतियाँ-
1. खुले दरीचे की खुशबू- हिंदी गजल
2. खुशबू छू कर आई है- हिंदी गजल
3.परवीन शाकिर की शायरी- हिंदी आलोचना
4.ग़ज़ल लेखन परंपरा और हिंदी ग़ज़ल का विकास-हिन्दी आलोचना
5. हिंदी गजल :स्वभाव और समीक्षा - हिंदी आलोचना
6. चांद हमारी मुट्ठी में है- हिंदी बाल कविता
7. आखिर चांद चमकता क्यों है- हिंदी बाल कविता
8. मैं आपी से नहीं बोलती -उर्दू बाल कविता
9. चलें चांद पर पिकनिक करने- उर्दू बाल कविता
10. लड़की तब हंसती है- संपादन

पुरस्कार एव सम्मान-
आपदा प्रबंधन पुरस्कार,बिहार शताब्दी सम्मान,यशपाल सम्मान तथा शाद अजीबाबादी साहित्य एवं समाज सेवा सम्मान समेत पचास से अधिक सम्मान एवं पुरस्कार

संपादन एवं पत्रकारिता-
संवादिया( बाल पत्रिका)जागृति, निगाह, चल पढ़ कुछ बन, साहित्य प्रभा आदि में सहयोगी संपादक एवं दैनिक हिंदुस्तान समेत कई पत्र -पत्रिकाओं में पत्रकारिता। 

विशेष-
. आकाशवाणी पटना दरभंगा भागलपुर, डीडी बिहार,ई टीवी बिहार आदि से नियमित प्रसारण
. बाल कविता नासिक के पाठ्यक्रम में शामिल
. पीएचडी उपाधि हेतु कई शोधार्थियों द्वारा ग़ज़ल साहित्य पर शोध
. देश भर के कई सेमिनारों और मुशायरों में शिरकत

पता-
C/O-एस. एम इफ़्तेख़ार काबरी
(पेशकार )
शरीफ कॉलोनी,बड़ी दरगाह, नियर बीएसएनएल टॉवर,पार नवादा
ज़िला -नवादा(बिहार) 805112
मोबाइल-6205254255
मोबाइल -9934847941