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सत्यशील राम त्रिपाठी की ग़ज़लें

सत्यशील राम त्रिपाठी की ग़ज़लें

लील  जाती हैं सड़क पगडंडियाँ
काश पगडंडी भी सड़कों पर चढ़े

ग़ज़ल- 01

यहाँ  के  ग्वाल-बालों  की  मिताई भूल मत जाना
मिला गोकुल से जो कुछ भी कन्हाई भूल मत जाना

दही,  घी,  ईख  या  माखन-मलाई भूल मत जाना
हमारे  गाँव   की  मीठी  कमाई  भूल  मत  जाना

कि  जिस  पर बैठती  थी  मेरी माई भूल मत जाना
वो  ठाकुर जी का आसन और चटाई भूल मत जाना

शहर  आना  तो  सिरका  और  लाई भूल मत जाना
सरौता,  पान  का  डब्बा,   सलाई  भूल  मत जाना

कहा  बूढ़े  ने  यह  पुरखों  की  सब  जागीर  तेरी है
शहर   जाकर  यहाँ   की  पाई-पाई  भूल मत जाना

विदा  के  वक्त  बेटी  ने  दिया  आदेश  पापा  को
समय  पर  चाय  पी  लेना,  दवाई  भूल मत जाना

सुना  है  फिर  मुहब्बत  कर रहे हो,  बात अच्छी है
मगर   पहले   मोहब्बत  की  जुदाई भूल मत जाना

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ग़ज़ल- 02

शेर  मेरे  उनके  होंठों पर चढ़े
जैसे  कोई  फूल  देवों  पर चढ़े

बात करिए बेवजह, ऐसा न हो
चुप्पियों की पर्त रिश्तों पर चढ़े

साफ  करिए  वक्त रहते ही इसे
ढोंग का चश्मा न आँखों पर चढ़े

लील  जाती  हैं सड़क पगडंडियाँ
काश  पगडंडी भी सड़कों पर चढ़े

खेल में जिसकी न थी कुछ भूमिका
शर्त  है  वह  आज जाँघों पर चढ़े

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ग़ज़ल- 03

हमारे  कान  तक  आईं  भले  बाहर की बातें
मगर  अंदर  दफन होती  रहीं  अंदर की बातें

प्रमोशन या कटौती या कि हों अफसर की बातें
सुनो!  दफ्तर में ही छोड़ा करो दफ्तर की बातें

दुल्हन बनकर चली जाएगी वो तो आज पी-घर
रुलाएंगी   उसे   ताउम्र  अब   पीहर  की बातें

शहर  में  लोग  बदले,  वेष बदला और अब तो
ज़मीं  करने  लगी  है  आजकल अंबर की बातें

हमारे   गाँव  में   चलता  जुबां  का ही भरोसा
यहाँ  रद्दी  में  बिकती  हैं  अभी पेपर की बातें

लड़ाई,  दुश्मनी,  अलगाव फिर घर में कई घर
अमां  ये  हो  गई  हैं आजकल घर-घर की बातें

भले  मीठी  है  लेकिन  एक  दिन  खारी बनेगी
नदी  सुनती  रहेगी  जब  तलक सागर की बातें

3 Total Review

अनुज पाण्डेय

11 January 2025

क्या ग़ज़लें हैं! वाह,भैया

अनुज पाण्डेय

11 January 2025

क्या ग़ज़लें हैं! वाह,भैया

अनुज पाण्डेय

11 January 2025

क्या ग़ज़लें हैं! वाह,भैया

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रचनाकार परिचय

सत्यशील राम त्रिपाठी

ईमेल : satysheel441@gmail.com

निवास : गोरखपुर (उत्तरप्रदेश)

जन्मतिथि- 08 फरवरी, 2000
जन्मस्थान- रुद्रपुर (उत्तरप्रदेश)
शिक्षा- गोरखपुर विश्वविद्यालय से परास्नातक
प्रकाशन- देश की विभिन्न पत्रिकाओं में दोहे, गीत एवं ग़ज़लों का प्रकाशन
सम्प्रति- गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड में अध्ययनरत
निवास- ग्राम- रुद्रपुर, पोस्ट- खजनी, ज़िला- गोरखपुर (उत्तरप्रदेश)- 273212
मोबाइल- 6386578871