Ira Web Patrika
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। फ़रवरी 2025 के प्रेम विशेषांक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
एकला चलो रे- पल्लवी त्रिवेदी

घुमक्कड़ी की तलब एक ऐसी तलब है कि एक यात्रा ख़त्म होती नहीं कि कैलेंडर में आगे के महीनों की छुट्टियों पर नज़र घूमने लगती है। एक ऐसी हार्मलेस तलब जो जिस आदमी को लग जाए उसका जीवन बदल दे। दस पैसे खर्च करके सौ पैसे की समृद्धि लाने वाली शै है घुमक्कड़ी। तो इस तलब के मारे हम अक्टूबर में नवम्बर के महीने को खोले बैठे थे सरकारी  कैलेंडर में और तीन छुट्टियाँ लगातार देखकर आँखें चमक उठीं। बस दो दिन की छुट्टी ले लूं तो पांच दिन में कहीं घूमने जाया जा सकता है।

भारत का स्विट्ज़रलैंड - कुमाऊँ का गहना "कौसानी"- धर्मेन्द्र कुमार सिंह

कौसानी की स्थापना हेनरी रैमजे ने की थी, इसका पुराना नाम 'बलना' है. समुद्र तल से लगभग 6075 फ़ीट ऊँचे प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पिंगनाथ पर्वत चोटी पर कोसी और गोमती नदियों के बीच बसा हुआ यह एक छोटा सा गाँव था जो अब एक हिल स्टेशन का रूप ले चुका है। 

नेतरहाट – बाँस के जंगल या चीड़ वन-रश्मि शर्मा

कुछ देर बात सूर्य की रश्‍मि‍याँ फैल गईं सब ओर। हम भी बि‍खर गए अपनी-अपनी पसंद की जगह देखने के लि‍ए। फोटोग्राफी के लि‍ए सबसे अच्‍छा वक़्त  होता है सुबह का।

धर्म की स्थली: धर्मशाला- डॉ० कविता विकास

हमारा मन अपने आप में एक ब्रह्माण्ड है। यहाँ बाह्य जगत का आविर्भाव और दर्शन दोनों होता है। अपने चैतन्य अवस्था में दृश्य और देखने की प्रक्रिया जब एक-दूसरे को आत्मसात कर लेते हैं तब उससे उत्पन्न आनंद शाश्वत हो जाता है। वह एक ईश्वरीय आभास के साथ मानस पटल पर जीवन भर के लिए अंकित हो जाता है। इसलिए यात्रा के दौरान मन को भी जागृत रखना चाहिए।